मानव बहुत घबराया है हे ईश्वर ये कैसा रोग आया है ।। मानव बहुत घबराया है हे ईश्वर ये कैसा रोग आया है ।।
एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत्कृष्ट सेवा कर गया। एक और सपूत सो गया सब सपने अपने साथ ले गया पर नाम बहुत ऊंचा कर गया भारत माँ की उत...
बहुत मज़ा बहुत मज़ा
कालिया हकलाहट से बड़ी मुश्किल से बोल पाया। कालिया हकलाहट से बड़ी मुश्किल से बोल पाया।
बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द बीते बहुत दिन, लिखा नहीं एक शब्द
और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत, और सोचता हूँ के तू मेरा सपना था या हकीकत,